अनुक्रमणिका
रेणु का जनपद : सं.
गजेन्द्र पाठक
1 - मैला
आँचलउपन्यास में चित्रित लोकगीत - प्रकाश चंद
2 - संगीत में बातें करती रेणु की कहानियाँ - वीणा शर्मा
3 - मैला आँचल में लोकगीतों की अर्थवत्ता - प्रमोद कुमार प्रसाद
5 - ‘मैला आँचल’ के गीतों में राजनीति - पवनेश ठकुराठी
देहाती दुनिया से आस
बची हुई है -
6 - स्वातंत्र्योत्तर ग्राम्य अंचल में भू-राजनीति और जातीय अस्मिता, विशेष सन्दर्भ : 'परती-परिकथा' - कौशल कुमार पटेल
7 - ‘मैला आँचल’ में चित्रित गाँव - रीना कुमारी. वी.एल
8 - रेणु के कथा साहित्य में लोक - कलाओं का स्वरूप - सत्यभामा
9 - मैला आँचल उपन्यास की आँचलिकता - विवेकानन्द
10 - फणीश्वरनाथ
रेणु के उपन्यास और आंचलिकता - विकास कुमार
आधी आबादी की धुन तार
सप्तक में गूंजनी चाहिए -
11 - ‘मैला आँचल’ में ‘नारी मुद्दों’
की अभिव्यक्ति एवं मूल्यांकन - अरुणा त्रिपाठी
12 - नारी विमर्श का दस्तावेज़ : रेणु का ‘परती : परिकथा’ - उमेश चन्द्र
13 - फणीश्वर नाथ रेणु के आंचलिक संसार में विचरण करती स्त्री
('मैला आँचल' एवं 'दीर्घतपा' उपन्यासों के विशेष संदर्भ में) - एकता देवी
14 - फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ के कथा
साहित्य में नारी का मनोवैज्ञानिक चित्रण : एक मूल्यांकन - सन्तोष विश्नोई
15 - मैला आँचल में
वर्णित नारी समस्याएँ - सुनीता
16 - आँचलिक उपन्यास
परम्परा में ‘मैला आँचल’ - धर्मवीर
17 - संवेदना के
धरातल पर 'मैला आँचल' - विनीत कुमार
वर्मा एवं राजेश कुमार तिवारी
18 - मैला आँचल का संवेदना
पक्ष -
दिनेश्वर कुमार महतो
19 - आंचलिकता के
युग प्रणेता : फणीश्वरनाथ 'रेणु' और
मैला आँचल (समकालीन परिदृश्य के विशेष संदर्भ में) - जया द्विवेदी
'क' से कविता कब सिखाया जाएगा -
20 - कविता
की भूमि पर रेणु -
प्रमोद कुमार द्विवेदी
प्रेम में ढाई आखर
पर्याप्त है -
21 - प्रेम की ‘तीसरी कसम’ - प्रो. संजय कुमार
22 - हिंदी जगत् का
हीरामन : फणीश्वरनाथ रेणु - कु. मोनिका दुबे
23 - एक गुलफाम का
कथा संसार -
अनिंद्य गंगोपाध्याय
24 - ‘लाल पान की
बेगम’ : संघर्षशीलता और स्वप्नपूर्ति की गाथा - आशुतोष शर्मा
25 - फणीश्वर नाथ
रेणु के उपन्यास ‘मैला आँचल’ का भाषा
द्वैत (Diglossia) के आधार पर भाषिक विश्लेषण - कुमार माधव
26 - देशज शब्दावली
का दर्पण : रेणु के आँचलिक उपन्यास - सुमन शर्मा
27 - महामारी :
विभीषिकाएं एवं परिस्थितियाँ - ‘पहलवान की ढोलक’ कहानी के विशेष सन्दर्भ में
28 - मैला आँचल में
अभिव्यक्त नशाखोरी की समस्या - पूर्विका अत्री
29 - फणीश्वरनाथ
रेणु की कहानियों का सामाजिक परिदृश्य - अंजना
30 - रेणु के कथा
साहित्य में युगीन सामाजिक चेतना - डायमंड साहू
परदे के पार देखने
वाले नहीं रहे -
31 - रेणु कृत ‘मारे गये गुलफाम उर्फ़ तीसरी कसम ’ कहानी का फ़िल्मी
रूपांतरण : एक अवलोकन - बिभूति बिक्रम नाथ
32 - ‘तीसरी कसम’
कहानी और फिल्म में अभिव्यक्त लोक - तत्त्व - ज्ञान चन्द्र पाल
33 - फणीश्वर नाथ
रेणु के उपन्यास ‘जुलूस’ में विस्थापन - ममता माली
34 - रेणु के
उपन्यास : स्वतंत्र भारत में सामंती प्रवृत्तियों के दस्तावेज - जयसिंह मीणा
35 - रेणु के कथा
साहित्य में लोक संस्कृति व सामाजिक अस्मिता का चित्रण - गुरजीत कौर
36 - स्वातंत्र्योत्तर
भारत में लोक-कलाओं के संरक्षण की आवश्यकता और फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियाँ
(पहलवान की ढोलक, कलाकार, ठेस,
रसप्रिया और भित्तिचित्र की मयूरी कहानी के विशेष संदर्भ में) - बिनय कुमार पटेल
प्रश्न पूछना जारी
रहे भले उत्तर न मिले -
37 - रेणु :
साक्षात्कारों के आइने में -
सिन्धु सुमन
38 - प्रगतिशील और
प्रतिबद्ध लेखक : फणीश्वरनाथ रेणु - प्रो.सुधाकर
शेंडगे
39 - फणीश्वरनाथ
रेणु का कथेतर साहित्य - दिगंत बोरा एवं प्रो. श्याम शंकर सिंह
40 - रेणु की कहानियां
: आदमी की मरम्मत की कार्यशाला - भैरव सिंह
41 - फणीश्वरनाथ
रेणु की कहानियों का यथार्थ जगत् - मीना
42 - फणीश्वरनाथ
रेणु : कथा - आस्वाद की नई मनोभूमि - इन्द्रमणि
कुमार
43 - ‘रेणु’ की कहानियों में अभिव्यक्त 'सांस्कृतिक अवमूल्यन' की दशा व दिशा - कुलदीप उपाध्याय
44 - अनैतिक इच्छाओं
की पराकाष्ठा : टेबुल -
पूनम शर्मा
आँखों-देखी कहना अब
कहाँ हो पाता है -
45 - फणीश्वरनाथ
रेणु के रिपोर्ताज में लोक जीवन - आरती शर्मा
46 - रेणु के
रिपोतार्ज का महत्त्व और उनका परिचय - सविता कुमारी
एवं अरमान अंसारी